परिचय: Budget 2025 और शेयर बाजार की उम्मीदें
भारत का केंद्रीय बजट हर साल देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार के लिए बेहद अहम होता है। 1 फरवरी, 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना आठवाँ बजट पेश किया, जिसका Sensex and Nifty जैसे प्रमुख शेयर बाजार सूचकांकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। यह लेख Budget 2025 की मुख्य बातों और सेंसेक्स, निफ्टी व विभिन्न क्षेत्रों पर इसके प्रभाव को आसान हिंदी में समझाएगा। यह जानकारी नए वेब स्रोतों पर आधारित है और सही जानकारी पर विशेष ध्यान दिया गया है। आइए जानते हैं कि बजट 2025 ने भारतीय शेयर बाजार को कैसे प्रभावित किया।
इस व्हाट्सएप चैनल पर व्यापार और वित्त की सबसे पहली खबरें देखें
Budget 2025 की प्रमुख घोषणाएँ
Budget 2025 में सरकार ने लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने पर ज़ोर दिया। सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ सीमा बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये कर दी गई। इसके अलावा, कर स्लैब में भी बदलाव किए गए, जिससे मध्यम वर्ग के पास ज़्यादा पैसा बचेगा, जिससे खर्च और बचत दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ भी शुरू की। इस योजना से 100 ज़िलों के 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी, जहाँ फसल की पैदावार कम है, आधुनिक कृषि सुविधाएँ कम हैं और ऋण सुविधाएँ भी कम हैं। इससे कृषि क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में तेज़ी आई।
Sensex and Nifty का प्रदर्शन
Budget 2025 के दिन शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया। बीएसई सेंसेक्स 5.39 अंक बढ़कर 77,505.96 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 26.25 अंक गिरकर 23,482.15 पर बंद हुआ। बाजार की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन बजट भाषण के बाद उतार-चढ़ाव बढ़ गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी, क्योंकि निवेशकों को पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में बहुत बड़ी वृद्धि की उम्मीद थी, लेकिन यह केवल 11.2 लाख करोड़ रुपये तक ही सीमित रही। इस मामूली वृद्धि ने रेलवे, रक्षा और बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों को निराश किया, जिससे इन क्षेत्रों के शेयरों में 5-9% की गिरावट आई।
उपभोग क्षेत्र में तेजी
बजट में कर राहत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के कारण उपभोग से जुड़े क्षेत्रों, जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुएँ (FMCG), ऑटो और रियल एस्टेट, में तेजी देखी गई। निफ्टी FMCG सूचकांक 4.25% और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं में 2.39% की वृद्धि हुई। आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, ज़ोमैटो के शेयर में 15 अंकों की वृद्धि हुई। इसके विपरीत, रेलवे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में कोई बड़ी घोषणा न होने के कारण टेक्समैको रेल, आरवीएनएल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे शेयरों में 8-9% की गिरावट आई।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ज़ोर
Budget 2025 में कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 ज़िलों में सुधार के लिए कदम उठाए गए। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई, जिससे 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को लाभ होगा। इस घोषणा के बाद, कावेरी सीड कंपनी के शेयर 13.49% बढ़कर 1,020.70 रुपये, मंगलम सीड्स के शेयर 7.09% बढ़कर 222 रुपये और नाथ बायो-जीन के शेयर 5.77% बढ़कर 178.60 रुपये पर पहुँच गए। यह कृषि क्षेत्र के निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है।
बजट का दीर्घकालिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि Budget 2025 का दीर्घकालिक प्रभाव सकारात्मक होगा, खासकर उपभोग-आधारित कंपनियों के लिए। कर राहत से मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे FMCG, ऑटो और रिटेल जैसे क्षेत्रों में माँग बढ़ेगी। हालाँकि, पूंजीगत व्यय में मामूली वृद्धि से बुनियादी ढाँचा और रक्षा क्षेत्रों में निराशा हुई।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) फरवरी में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करता है, तो बाजार में और तेज़ी आ सकती है। दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, भारतीय शेयर बाजार सकारात्मक बना हुआ है, लेकिन 7-8% की जीडीपी वृद्धि दर ज़रूरी है।
निवेशकों के लिए रणनीति
बजट 2025 के बाद, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और उपभोग-आधारित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विशेषज्ञों ने ICICI बैंक, सन फार्मा, मारुति सुजुकी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियों में निवेश करने की सलाह दी है। 23,300 का स्तर निफ्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन है, और अगर यह 23,500-23,600 के स्तर को पार करता है, तो यह 24,000 तक जा सकता है। निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाकर मज़बूत कंपनियों में निवेश करना चाहिए।
निष्कर्ष
बजट 2025 ने भारतीय शेयर बाजार के लिए मिले-जुले संकेत दिए हैं। उपभोग क्षेत्र में तेज़ी और कृषि क्षेत्र में प्रोत्साहन सकारात्मक हैं, जबकि पूंजीगत व्यय में कमी से कुछ क्षेत्रों में निराशा हुई है। बजट के दिन Sensex and Nifty में स्थिरता देखी गई, लेकिन आरबीआई की नीतियों और वैश्विक आर्थिक स्थितियों का प्रभाव भविष्य में महत्वपूर्ण रहेगा। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और उपभोग तथा कृषि क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि इनमें दीर्घकालिक विकास की प्रबल संभावनाएँ दिखाई दे रही हैं।
इस व्हाट्सएप चैनल पर व्यापार और वित्त की सबसे पहली खबरें देखें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- बजट 2025 का Sensex and Nifty क्या प्रभाव पड़ा?
- सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 77,505.96 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 26.25 अंक गिरकर 23,482.15 पर बंद हुआ।
- बजट 2025 में किन क्षेत्रों को बढ़ावा मिला?
- एफएमसीजी, ऑटो, रियल एस्टेट और कृषि क्षेत्रों को कर राहत और योजनाओं से बढ़ावा मिला।
- कृषि क्षेत्र के शेयरों में तेजी क्यों आई?
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा में वृद्धि से कृषि कंपनियों के शेयरों में उछाल आया।
- क्या बजट 2025 ने पूंजीगत व्यय को बढ़ावा दिया?
- पूंजीगत व्यय में मामूली वृद्धि हुई, जो 11.2 लाख करोड़ रुपये तक सीमित रही, जिससे रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में निराशा हुई।
- निवेशकों को किन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए?
- विशेषज्ञ उपभोग-आधारित शेयरों जैसे ज़ोमैटो, मारुति, आईटीसी और सन फार्मा में निवेश की सलाह दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
स्वरा भास्कर की कुल संपत्ति: करोड़ों की मालकिन, एक फिल्म के लिए लेती हैं इतनी मोटी रकम
तिलक वर्मा की कुल संपत्ति: क्रिकेट से करोड़ों की कमाई और एक शानदार जीवनशैली का सफ़र