Elvish Yadav उस समय अपने नाम और फेम में डूबे हुए थे, उनकी पहचान हर जगह थी। लेकिन अचानक 2 नवंबर 2023 को नोएडा पुलिस ने उसे नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार कर लिया। उस समय तक, उनकी जिंदगी सुखमय और सफल रह रही थी, लेकिन इस घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह से उलट दिया।
Youtuber Elvish Yadav Arresting : एक टीवी शो ने यूट्यूबर Elvish Yadav को रातों रात बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। जब उसने उस शो का विजेता बना, तो उसकी चर्चा हर जगह होने लगी। देश के हजारों लाखों युवा उसके फॉलोअर बन गए और उसके वीडियो सोशल मीडिया पर धमाल मचाए रहे। हरियाणा के सियासी क्षेत्रों में भी उसे सम्मान मिला। मगर शोहरत को संभालना शोहरत पाने से ज्यादा मुश्किल होता है, और यही हुआ एल्विश यादव के साथ। अब उन्हें कानून की गिरफ्त में लिया गया है और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। आइए आपको एल्विश यादव के गिरफ्तार होने की पूरी कहानी बताते हैं।
कौन है Elvish Yadav ?
Elvish Yadav का असली नाम सिद्धार्थ यादव है और उनका जन्म 14 सितंबर 1997 को हुआ था। उनके पिता का नाम राम अवतार यादव है और मां का नाम सुषमा यादव है। एल्विश की एक बड़ी बहन का नाम कोमल यादव है। उन्होंने हरियाणा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और फिर दिल्ली के हंसराज कॉलेज में आगे की शिक्षा प्राप्त की। उनके एक बड़े भाई की मौत के कुछ साल बाद सिद्धार्थ ने अपना नाम एल्विश यादव रखा।
Elvish Yadav Career
Elvish Yadav ने आशीष चंचलानी और अमित भड़ाना से प्रेरित होकर 29 अप्रैल 2016 को अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था। उसके पहले चैनल पर बहुत सारे सब्सक्राइबर्स और व्यूज हो चुके थे। उसने शुरुआत में चैनल का नाम ‘द सोशल फैक्ट्री’ रखा था, लेकिन बाद में उसने इसे बदलकर ‘एल्विश यादव’ कर दिया था। एल्विश का कंटेंट विभिन्न शॉर्ट फिल्मों और व्लॉग्स पर आधारित है। फिर उसने एक और चैनल ‘एलविश यादव ब्लॉग्स’ शुरू किया, जिसमें वह व्लॉग्स और अन्य विषयों पर वीडियो बनाते थे। उसके दूसरे चैनल पर भी लाखों सब्सक्राइबर्स और व्यूज थे। उसने मई 2023 में एक गेमिंग चैनल ‘एलविश यादव गेमिंग’ भी शुरू किया था। उसके बाद उसने रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी में भी भाग लिया और वहां पर भी अपने फैंस का दिल जीता। अब उसे कपड़ों के ब्रांड ‘सिस्टम क्लोडिंग’ और ‘एल्ग्रो वुमेन’ का मालिक है।
ऐसे हुआ Elvish Yadav के राज का पर्दाफाश
3 नवंबर 2023 से पहले Elvish Yadav की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था। वह अपने नाम और प्रसिद्धि का आनंद ले रहे थे। लेकिन नोएडा पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंकवेट हॉल से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। कुल मिलाकर 9 सांप बरामद किए गए थे, जिनमें 5 कोबरा, 1 अजगर, 2 दो-मुहां सांप और एक रेड स्नेक था। जांच से पता चला कि सभी नौ सांपों में वेनम ग्लैंड्स गायब थीं, जिसमें जहर होता है। पुलिस ने उस दिन पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 20 मिलीलीटर सांप का जहर भी बरामद किया था। इन सांपों और सांप के जहर का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर में अवैध रेव पार्टियों में किया जाता था। यूं तो यह मामला किसी थाने की फाइल में दबकर रह जाता, लेकिन इस केस के पीछे हाथ था भाजपा सांसद मेनका गांधी के एनजीओ का। उसी एनजीओ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच के दौरान सांप बरामद किए थे। जब जांच पड़ताल आगे बढ़ी तो पता चला कि जानलेवा जहर की पार्टियों के पीछे मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव भी शामिल थे। मेनका गांधी की एनजीओ का इल्जाम था कि एल्विश सांपों के साथ वीडियो शूट करता और सांप के जहर और दवाओं के साथ अवैध पार्टियों में मेजबानी भी करता है।
इस संस्था ने दर्ज कराया FIR और दर्ज हुआ मुकदमा।
इस मामले में FIR दर्ज करने वाली संस्था का नाम पीपल फॉर एनिमल (PFA) है। उस संस्था के वेलफेयर ऑफिसर गौरव गुप्ता ने थाने जाकर तहरीर दी थी। उस वक्त गौरव गुप्ता ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया था कि नोएडा में ड्रग्स और वेनम से जुड़ी गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। ये भी पता चला था कि, यूट्यूबर Elvish Yadav नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम व जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं। इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को आयोजित कराने की भी जानकारी मिली थी।
3 नवंबर को नोएडा पुलिस ने PFA की शिकायत पर रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में FIR दर्ज की थी। जिसमें यूट्यूबर Elvish Yadav भी आरोपी था। जिन लोगों के कब्जे से सांप बरामद हुए थे, वो पांच लोग अब पुलिस के कब्जे में थे। उनकी शिनाख्त राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ शामिल हैं। पुलिस को राहुल नाम के शख्स के पास ही वो 20ml सांप का जहर मिला था।
मामला चूंकि मेनका गांधी की एनजीओ से जुड़ा था, लिहाजा पुलिस की विशेष टीम तेजी इस मामले में कार्रवाई कर रही थी। मामले की छानबीन में पुलिस को पता चला कि Elvish Yadav ही इस जहरीले रैकेट का मास्टरमाइंड है। पकड़े गए पांचों आरोपियों ने भी Elvish Yadav का नाम पूछताछ के दौरान बताया था।
यूट्यूब स्टार Elvish Yadav की पुलिस पूछताछ: गहन जानकारी का खुलासा
Elvish Yadav ने खुद को निर्दोष ठहराया, पर कहानी में ट्विस्ट था। एक ऑडियो क्लिप ने इस मामले को और रोचक बना दिया। राहुल यादव के आरोपों ने पीएफए (मेनका गांधी की संस्था Peoples for Animals) के एक सदस्य को बताया कि एल्विश की पार्टी में ड्रग्स आई थीं। इससे एल्विश की मुश्किलें और बढ़ गईं। ऑडियो में राहुल ने दिल्ली की चेकिंग के बारे में भी बताया, जो एल्विश को संभलकर रहने पर मजबूर कर देती थी। इसके बाद नोएडा पुलिस ने एल्विश को तलब किया और पूछताछ के लिए बुलाया। वहां उसे अधिकारियों ने कई घंटे तक पूछताछ की, पर उसने नकारा। एक बार राहुल और एल्विश को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की गई, जिसमें कई बदले बातें सामने आईं। लेकिन इन सभी चीज़ो के बावजूद भी वो आजाद था। खुली हवा में सांस ले रहा था।
8 मार्च को सामने आया नया विवाद
एक साल बीत गया साथ वह जनवरी या फरवरी का महीना भी निकल गया फिर इस साल 8 मार्च 2024 को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एल्विश यादव अपने कुछ गुंडे दोस्तों के साथ गुडगांव में एक कपड़े के दुकान में एक कंटेंट क्रिएटर जिनका नाम सागर ठाकुर है उनके साथ बहुत मारपीट की साथ ही, दमकी भी दी जान से मार दूंगा तुझे। इस मामले में मुक़दमा भी दर्ज हुआ एल्विश यादव ने फिर से सफ़ाई दे दी की सागर ठाकुर ने मेरे परिवार को जान से मारने के लिए दी थी और इस तरह मामला रफा दफा कर दिया।
135 दिन बाद हुई एल्विश की गिरफ्तारी
पिछले दो महीनों की जांच पड़ताल और गहन छानबीन के बाद पुलिस ने एल्विश पर शिकंजा कस दिया था। जिसका नतीजा 17 मार्च को सामने आया। दरअसल, 17 मार्च 2024 को नोएडा पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम 1985 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एल्विश यादव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे नोएडा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसका मेडिकल चेक जप करवाया गया। फिर नोएडा पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। जहां से कोर्ट ने एल्विश यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस दौरान एक वीडियो सामने आया है, जहां एल्विश पुलिस वालों के साथ कोर्ट में जाते हुए दिख रहा है और उसके चेहरे पर मुस्कान है।
क्या होता है NDPS एक्ट?
एनडीपीएस एक्ट का पूरा नाम नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 है, जिसे आमतौर पर एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के रूप में जाना जाता है। यह भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो किसी व्यक्ति को उत्पादन, विनिर्माण, खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद या किसी भी नशीली दवाई का सेवन करता है, उस पर यह एक्ट लगाया जाता है।