Tumbbad: नमस्कार दोस्तों, कैसे हो आप सभी? आशा है कि आप सभी बहुत अच्छे होंगे। दोस्तों भारतीय सिनेमा में जब बात रहस्य और भय की होती है, तो Tumbbad (2018) जैसी फिल्मों का नाम सबसे ऊपर आता है। फिल्म के रिलीज़ होने के बाद, कुछ लोगों ने इसकी कहानी को देखकर इसे सिनेमा से हटाने की मांग की थी। लेकिन फिल्म की प्रतिभा और इसके प्रशंसकों ने इसे फिर से पर्दे पर लाने के लिए काफी मेहनत की। आखिरकार, लोगों की मांग पर ये फिल्म 13 सितंबर से सिनेमाघरों में लगनी शुरू हो गई है। दोस्तों, सिनेमा पर लगाने के बाद फिल्म की लोकप्रियता कम होने के बजाय और बढ़ती जा रही है, खासकर सोशल मीडिया पर। इस लेख में हम तुम्बाड की वर्तमान स्थिति, सोशल मीडिया पर इसके प्रभाव, और फिल्म को लेकर बनी चर्चाओं पर एक विस्तृत नज़र डालेंगे।
फिल्म की कथा और थीम
Tumbbad starring @s0humshah is a haunting masterpiece 🎬✨
Have you watched it in the theatres yet? pic.twitter.com/YP3uSlfqC4
— IMDb India (@IMDb_in) September 20, 2024
Tumbbad एक अद्वितीय फिल्म है दोस्तों जो 1918 से 1947 के काल के दौरान महाराष्ट्र के एक गांव तुम्बाड में घटित होती है। यह फिल्म लालच, प्राचीन देवी-देवताओं की कहानियों, और एक रहस्यमय खजाने के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दोस्तों एक आदमी, विनायक राव (सोहम शाह द्वारा निभाया गया), जो एक पुराने खजाने की खोज में अपने जीवन को दांव पर लगाता है। इस खजाने की रक्षा एक प्राचीन दानव, हस्टर, द्वारा की जाती है। फिल्म लालच के प्रभावों पर एक गहरी टिप्पणी करती है और मानवीय स्वभाव के अंधेरे पहलुओं को उजागर करती है।
सोशल मीडिया पर Tumbbad का प्रभाव
दोस्तों रिलीज के लगभग छह साल बाद भी Tumbbad सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गहन चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब पर इस फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर लगातार पोस्ट और वीडियो बनाए जा रहे हैं। फिल्म की सिनेमैटिक क्वालिटी, सेट डिज़ाइन, और काल्पनिक कथानक ने इसे सिनेमाप्रेमियों के लिए एक पसंदीदा विषय बना दिया है।
इंस्टाग्राम और फैन आर्ट्स
इंस्टाग्राम पर Tumbbad से प्रेरित फैन आर्ट्स की भरमार है। कलाकारों ने फिल्म के विभिन्न पात्रों, खासकर हस्टर के डरावने रूप, और फिल्म के दृश्य रूपांकन को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया है। इंस्टाग्राम पर फिल्म के सीन को चित्रित करते हुए कुछ प्रमुख कलाकारों और कैरेक्टरों की कलाकृतियां वायरल हो रही हैं। ये आर्टवर्क फिल्म के रहस्य और सौंदर्य को एक बार फिर से जीवित कर रहे हैं और नए दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं।
ट्विटर पर फिल्म के थीम्स पर बहस
ट्विटर पर भी तुम्बाड को लेकर गहन बहस चल रही है। फिल्म की कथा और इसके अंदर छुपे सामाजिक और धार्मिक विषयों को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। बहुत से लोग फिल्म को लालच और मनुष्य की असीमित इच्छाओं का प्रतीक मानते हैं, वहीं कुछ इसे भारतीय समाज में पारंपरिक कहानियों के माध्यम से गहरी सांस्कृतिक धरोहर के पुनर्परिचय के रूप में देखते हैं।
#Tumbbad2"Tumbbad se ek aur lesson milta hai: Jab film pehli baar release hui, tab kisi ne itna interest nahi dikhaya. Ab log bahut interest dikha rahe hain! 🎥💥 Yeh dikhata hai ki agar aap bahut mehnat karte hain, toh ek din aap zaroor aage badhenge. 🌟💪" pic.twitter.com/SBURbo1Atz
— Nikhil Gour (@NikhilGour25) September 15, 2024
हाल ही में, ट्विटर पर #TumbbadRevisited ट्रेंड कर रहा था, जिसमें उपयोगकर्ता अपनी राय व्यक्त कर रहे थे कि कैसे फिल्म को और गहराई से समझा जा सकता है। कुछ लोग इसे भारतीय हॉरर सिनेमा में मील का पत्थर मानते हैं, जबकि अन्य ने इसे एक महान साइकोलॉजिकल थ्रिलर के रूप में परिभाषित किया है।
यूट्यूब पर रिव्यू और एनालिसिस वीडियो
यूट्यूब पर भी तुम्बाड के गहरे विश्लेषण और रिव्यू की वीडियो बड़ी संख्या में मौजूद हैं। कई यूट्यूब चैनल्स ने फिल्म के प्लॉट, सिम्बोलिज़्म, और इसके दृश्यात्मक सौंदर्य पर विस्तार से चर्चा की है। “दीप डाइव” शैली के वीडियो में, फिल्म के प्रत्येक सीन का विश्लेषण किया जाता है और दर्शकों को फिल्म की गहरी परतों को समझने का मौका मिलता है।
फिल्म के विषयों, जैसे कि “हस्टर कौन है?” या “तुम्बाड के खजाने का असली मतलब क्या है?”, पर आधारित वीडियो दर्शकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। इन वीडियो के कमेंट सेक्शन में दर्शक अपनी-अपनी समझ के हिसाब से फिल्म की व्याख्या करते हैं, जिससे एक संवादात्मक वातावरण बनता है।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी की प्रशंसा
तुम्बाड की सिनेमैटोग्राफी को इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक माना जाता है। फिल्म के अधिकांश हिस्से को बरसात के मौसम में दिखाया गया है, जो कथा के डरावने और रहस्यमय माहौल को और भी गहराई देता है। सोशल मीडिया पर विशेष रूप से फिल्म की दृश्य शैली को लेकर चर्चा होती रहती है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने फिल्म के सिनेमाटिक फ्रेम्स को अपने वॉलपेपर या स्क्रीनसेवर के रूप में उपयोग किया है।
ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कई फिल्म निर्माताओं ने फिल्म की सिनेमैटोग्राफी को सीखने और समझने के लिए इसके सीन शेयर किए हैं। तुम्बाड ने नए निर्देशकों और सिनेमैटोग्राफर्स को विज़ुअल स्टोरीटेलिंग के नए पहलुओं को खोजने के लिए प्रेरित किया है।
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फिल्म के प्रोडक्शन के पीछे की कहानी
Tumbbad का निर्माण लगभग छह साल तक चला, जो इसे भारतीय सिनेमा की सबसे कठिन फिल्मों में से एक बनाता है। इसके प्रोडक्शन की चुनौतियों और संघर्षों को लेकर भी सोशल मीडिया पर काफी बातचीत होती रहती है। निर्देशक राही अनिल बर्वे और प्रोड्यूसर आनंद गांधी ने कई इंटरव्यूज में बताया कि फिल्म को बनाने के दौरान उन्हें किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा।
फिल्म के निर्माण के पीछे की यह संघर्षशील कहानी आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। यूट्यूब और ट्विटर पर कई सिनेमा प्रेमियों ने फिल्म की निर्माण प्रक्रिया पर आधारित डॉक्युमेंट्री वीडियो भी बनाए हैं, जिसमें फिल्म के शूटिंग अनुभवों को साझा किया गया है।
नवीनतम लोकप्रियता और भविष्य में संभावनाएं
Tumbbad भले ही 2018 में रिलीज़ हुई हो, लेकिन आज भी यह प्रासंगिक बनी हुई है। इसके डरावने और रहस्यमय तत्वों के साथ ही, भारतीय पौराणिक कहानियों और लालच की गहराई को छूने वाले विषयों ने इसे सिनेमा प्रेमियों के बीच एक कल्ट फिल्म का दर्जा दिलाया है।
फिल्म की लगातार बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, इस फिल्म को सिनेमा में लगाने के लिए अप्रूवल ले लिया, दोस्तों, सिनेमा पर लगाने के बाद इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया।