एक चौंकाने वाली साइबर सुरक्षा खबर सामने आई है! साइबरन्यूज़ (Cybernews) नाम की एक बड़ी रिसर्च टीम ने बताया है कि दुनिया भर में 16 billionसे भी ज़्यादा लॉगिन जानकारी (यूज़रनेम और पासवर्ड) ऑनलाइन लीक हो गई है। इसमें गूगल, फेसबुक और एप्पल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स के अकाउंट भी शामिल हैं।
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यह डेटा लीक कैसे हुआ?
Cybernews की रिपोर्ट के मुताबिक, यह डेटा किसी एक हैकिंग से नहीं हुआ है। बल्कि, यह कई छोटी-बड़ी डेटा चोरी की घटनाओं (डेटा ब्रीच) से इकट्ठा हुआ है। ये सारी जानकारी 30 बड़े डेटासेट्स में कुछ समय के लिए ऑनलाइन उपलब्ध हो गई थी, जिसे रिसर्चर्स ने ढूंढ निकाला।
यह संख्या कितनी बड़ी है?
16 billion की संख्या सचमुच डराने वाली है। यह पृथ्वी की जनसंख्या से दोगुनी है! इसका मतलब है कि एक ही व्यक्ति के कई अकाउंट्स की लॉगिन जानकारी लीक हो सकती है। हालांकि, इस डेटा में बहुत सारी डुप्लीकेट (एक जैसी) जानकारी भी हो सकती है, इसलिए यह साफ नहीं है कि कितने लोग असल में प्रभावित हुए हैं।
इसका जिम्मेदार कौन है?
Cybernews के अनुसार, यह काम इंफोस्टीलर नाम के एक खतरनाक सॉफ्टवेयर का हो सकता है। यह एक तरह का मालवेयर (खतरनाक सॉफ्टवेयर) है, जो चुपके से किसी भी डिवाइस में घुसकर आपकी ज़रूरी जानकारी जैसे लॉगिन आईडी, पासवर्ड, और बैंक डिटेल्स चुरा लेता है।
अब क्या करें? कैसे बचें?
अगर आप भी सोचकर परेशान हैं कि कहीं आपका अकाउंट भी इस लीक का हिस्सा तो नहीं है, तो इन साइबर सुरक्षा टिप्स को ज़रूर अपनाएं:
- अपना पासवर्ड तुरंत बदलें: अपनी सभी महत्वपूर्ण साइटों (जैसे जीमेल, फेसबुक, बैंकिंग इत्यादि) का पासवर्ड तुरंत बदलें।
- प्रत्येक साइट के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखें: एक ही पासवर्ड का बार-बार इस्तेमाल न करें। इससे बाकी सभी सुरक्षित रहेंगे, भले ही एक अकाउंट हैक हो जाए।
- पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें: अगर अलग-अलग पासवर्ड याद रखना मुश्किल है, तो आप पासवर्ड मैनेजर ऐप (जैसे बिटवर्डन, 1पासवर्ड, डैशलेन) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें: इसके लिए लॉग इन करने के लिए आपके पासवर्ड के अलावा एक और वेरिफिकेशन (जैसे OTP या ऐप अलर्ट) की ज़रूरत होगी।
- अविश्वसनीय वेबसाइट से बचें: कोई भी मुफ़्त सॉफ़्टवेयर या लिंक खोलने से पहले सोचें। अज्ञात ईमेल या डाउनलोड आपके सिस्टम में वायरस ला सकते हैं।
अतिरिक्त सुझाव:
- आप haveibeenpwned.com जैसी वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं कि आपका ईमेल किसी डेटा ब्रीच का हिस्सा तो नहीं है।
- साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर 3-6 महीने में पासवर्ड बदलना एक अच्छी आदत है।
- यदि आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, तो वर्चुअल कार्ड या UPI की सुविधा का उपयोग करें, जो ज़्यादा सुरक्षित मानी जाती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या मेरा पासवर्ड भी लीक हो गया है, ये कैसे पता करें?
- आप haveibeenpwned.com पर जाकर अपना ईमेल डालकर जांच कर सकते हैं।
- एक ही पासवर्ड कई साइट्स पर इस्तेमाल करना सुरक्षित है?
- नहीं, इससे सभी अकाउंट एकसाथ खतरे में आ सकते हैं।
- पासवर्ड मैनेजर क्या होता है और क्या ये सुरक्षित है?
- यह एक ऐप होता है जो सभी पासवर्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर करता है — और हाँ, ये सुरक्षित होता है।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से क्या फायदा होता है?
- यह आपके अकाउंट को एक अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
- क्या मोबाइल से भी पासवर्ड लीक हो सकते हैं?
- हाँ, यदि उसमें कोई इंफोस्टीलर वायरस घुस गया हो, तो मोबाइल से भी डेटा चोरी हो सकता है।
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